UN ने भी माना “भारत तलाश रहा वैश्विक समस्याओं का समाधान”, इधर चित्त है चीन और पस्त पाकिस्तान

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UN ने भी माना “भारत तलाश रहा वैश्विक समस्याओं का समाधान”, इधर चित्त है चीन और पस्त पाकिस्तान

ndia Searching Global Problems Solutions Says UN: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी वैश्विक समस्याओं से जूझ रहे विश्व के लिए भारत को उम्मीद की किरण माना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने कहा है कि युद्ध, आतंकवाद, महंगाई,महामारी, ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहे दुनिया के तमाम देशों की हालत खस्ता हो चुकी है।

इसके बावजूद भारत दुनिया के लिए उम्मीद बना है। सिर्फ भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जो उक्त सभी वैश्विक समस्याओं का समाधान खोज रहा है। कोरोसी ने कहा कि सभी देश अपने आप में मस्त या पस्त हैं, लेकिन भारत दूसरों के लिए समाधान खोज रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता का भारत प्रबल हकदार है।

तीन दिवसीय भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे साबा कोरोसी ने कहा कि दुनिया कई तरह की मुश्किलों से जूझ रही है। इनमें से कोरोना महामारी, महंगाई, युद्ध और आतंकवाद प्रमुख है। भारत इन सभी समस्याओं का समाधान तलाश रहा है। ताकि इससे जूझ रहे दूसरे देशों का संकट कम हो सके। भारत सरकार विकास के लिए एकजुटता स्थिरता और विज्ञान की तकनीकि से वैश्विक समस्याओं का हल निकालने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत जानता है कि दुनिया तेजी से बदल रही है। इस दौरान भारत जी-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है। विश्व के साथ ही साथ भारत भी कई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन वह सभी के लिए समाधान ढूंढ़ने का प्रयास कर रहा है। साबा कोरोसी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर भारत आए हैं।

दुनिया में भारत का अलग स्थान
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने माना है कि दुनिया में भारत की अपनी एक अलग छवि और अलग स्थान है। ग्लोबल साउथ के देशों में भी भारत का अलग मुकाम है। वह अग्रणी देशों में शुमार है। इन दिनों चीन कोरोना महामारी से जूझ रहा है। साथ ही साथ आर्थिक मंदी भी झेल रहा है। वहीं उसका दोस्त पाकिस्तान गरीबी और भुखमरी के संकट का सामना कर रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह धराशाई हो चुकी है और वह बिलकुल कंगाल हो चुका है। पाकिस्तान के लोगों में आटे और रोटी के लिए जंग चल रही है। पड़ोसी की हालत यह हो गई है कि उसे कोई देश कर्ज देने तक को तैयार नहीं है। मगर इस दौरान भारत जी-20 की अध्यक्षता भी कर रहा है। वह दुनिया पर छाये संकटों का समाधान तलाश रहा है।

उन्होंने कहा कि मेरी भारत यात्रा काफी उम्मीद भरी है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र और भारत के विचारों में काफी समानताएं हैं। हमारा इस पर एक विचार है कि दुनिया कैसी दिखे, किस तरह के परिवर्तन जरूरी हैं और वैश्विक संगठनों और खुद के रुख को कैसे बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं भारत में सहयोग की उम्मीद से आया हूं। आपको बता दें कि साबा कोरोसी 29 से 31 जनवरी तक भारत की यात्रा पर हैं।